
निलामी में बोली के लिए भुगतान किए गए चैकों की स्टॉप पमेंट कराई
देहरादून। जिलाधिकारी के निर्देश पर 10 करोड़ के बकायेदार संजीव थपलियाल के खिलाफ राज्य सरकार के साथ धोखाधड़ी, राजस्व वसूली, चेक बाउंस और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई। दरअसल, कुर्क की गई अचल संपत्ति की तहसील सदर परिसर में सार्वजनिक नीलामी की गई थी। जिसमें 4 बोलीदाता सौरभ ममगाई, नीरज सिंह नेगी, गोपाल दत्त भारद्वाज और संजीव थपलियाल शामिल हुए थे।
जानकारी के मुताबिक तहसील सदर कार्यालय में कुर्कशुदा अचल संपत्ति को सार्वजनिक रूप से नीलाम किया गया था, जिसमें कुल चार बोलीदाता सौरभ ममगाई, नीरज सिंह नेगी, गोपाल दत्त भारद्वाज और संजीव थपलियाल मौजूद रहे थे। नीलामी की प्रकिया से पहले मौजूद बोलीदाताओं के समक्ष नीलामी की शर्तों को पढ़ा गया था।
नीलामी सर्वप्रथम मौजा चक अजबपुर कला के चार खसरा नम्बरों के कुल रकबा 0.1472 हेक्टेयर की सम्पन्न करायी गयी। मौजूद बोलीदाताओं में से सर्वाेच्च बोलीदाता संजीव थपलियाल निवासी डिफेन्स कॉलोनी देहरादून ने दस करोड़ रुपए की बोली लगाने पर उनके नाम पर नीलामी छोड़ी गई।
नीलामी की शर्तों के अनुसार संजीव थपलियाल ने नीलामी धनराशि का 1/4 भाग यानी दो करोड़ पचास लाख रुपए का चेक जो कि तहसीलदार (सदर) देहरादून के पक्ष में देय था, को उसी दिन नीलामी के तुरन्त बाद उपलब्ध करा दिया था। लेकिन उनके द्वारा चेक के भुगतान पर स्टॉप पेमेन्ट करा दिया गया है। जिसके कारण राज्य सरकार की ओर से राज्य हित व राजस्व वसूली की कार्रवाई बाधित हुई। संजीव थपलियाल द्वारा जानबूझकर नीलामी प्रक्रिया में शामिल होते हुए नीलामी अपने नाम ली गई और फिर सभी प्रक्रियाओं को एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत पहले चेक दिया और फिर उस चेक का स्टाम्प पेमेन्ट करा दिया जो कि स्पष्ट रूप से राज्य सरकार के साथ धोखाधड़ी करते हुए, सरकार को राजस्व वसूली में बाधा उत्पन्न करते हुए राजकीय कार्य बाधित किया गया।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि जनपद में राजस्व वसूली पर सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए गए। जिसके क्रम में जनपद में लगातार संबंधित अधिकारियों द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है। बड़े बकायादारों अचल संपत्ति कुर्क और नीलामी प्रक्रिया को संपादित कर राजस्व संग्रह किया जा रहा हैं। एसडीएम सदर कुमकुम जोशी ने बताया कि शहर में बड़े बकायदारों पर निरंतर वसूली की कार्रवाई की जा रही हैं। जिलाधिकारी के निर्देशन पर 10 करोड़ के बकायादार संजीव थपलियाल पर राज्य सरकार से धोखाधड़ी, राजस्व वसूली, चेक बाउंस और राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाने पर एफआईआर दर्ज की गई।



