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चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव से पहले प्रशासनिक फेरबदल, अब एडिशनल एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर का जिम्मा संभालेंगे बराड़

जनवरी 2024 में यह चार्ज एचसीएस अधिकारी प्रद्दुमन सिंह को दिया गया था। बता दें कि भविष्य में भी विभागों में भी फेरबदल की संभावना है

चंडीगढ़।चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों के विभागों में शुक्रवार को फेरबदल किया गया है। डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन(डीएसई) पीसीएस अधिकारी हरसुहिंदर पाल सिंह बराड़ को एडिशनल एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर का चार्ज दिया गया है।

बराड़ को मिली एक्साइज कलेक्टर की जिम्मेदारी

बराड़ को डीएसई के साथ ही डिप्टी एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर कम कलेक्टर(एक्साइज) की जिम्मेदारी दी गई है। जनवरी 2024 में यह चार्ज एचसीएस अधिकारी प्रद्दुमन सिंह को दिया गया था। डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट कम डिविजनल मैनेजर(सीटीयू) का चार्ज प्रद्दुमन सिंह भी लेकर एचसीएस अधिकारी ईशा कंबोज को दे दिया गया है।

खुशप्रीत कौर को मिला एसडीएम साउथ का चार्ज

प्रद्दुमन के पास ज्वाइंट सेक्रेटरी ट्रांसपोर्ट के अलावा रजिस्ट्रिंग एंड लाइसेंसिंग अथारिटी यूटी का चार्ज रहेगा। कंबोज के पास ज्वाइंट कमिश्नर नगर निगम का कार्यभार भी पहले की तरह रहेगा। दानिक्स कैडर के अधिकारी नवीन से एसडीएम साउथ का चार्ज लेकर अब दानिक्स कैडर की अधिकारी खुशप्रीत कौर को दिया गया है।

अधिकारियों के विभागों में फेरबदल की संभावना

नवीन के पास अब डायरेक्टर म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी,ज्वाइंट डायरेक्टर सोशल वेलफेयर,डायरेक्टर एग्रीकल्चर ,एग्रीकल्चर सेंसस कमीशनर और ज्वाइंड डायरेक्टर(एडमिन) जीएमसीएच-32 का चार्ज रहेगा। सूत्रों अनुसार भविष्य में भी प्रशासन के कुछ अधिकारियों के विभागों में फेरबदल की पूरी संभावना है। सलाहकार ने करीब डेढ़ महीने अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा के बाद पहला फेरबदल किया है।

लोकसभा चुनाव के बाद पीसीएस,एचसीएस और आइएएस स्तर के अधिकारियों के कुछ विभागों में बदलाव किया जा सकता है। प्रशासक के सलाहकार राजीव वर्मा की ओर से शुक्रवार शाम को अधिकारियों के विभागों में बदलाव को लेकर आदेश जारी किए गए हैं।

एक्साइज पॉलिसी बनी प्रशासन के गले की फांस

चंडीगढ़ प्रशासन के लिए एक्साइज पॉलिसी गले की फांस बनती जा रही है। अभी तक बीते दो वर्ष में एक्साइज विभाग में छह से सात बार पीसीएस और एचसीएस अधिकारियों को बदला जा चुका है, लेकिन एक्साइज विभाग का मामला पटरी पर नहीं आ रहा। प्रशासन दो वर्ष से ठेकों से होने वाली कमाई में लगातार पिछड़ता जा रहा है। प्रशासन को 150 करोड़ से अधिक का घाटा उठाना पड़ा है।

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