UPउत्तर प्रदेशक्राइम

बदायूं जेल में बंद माफ‍िया अशरफ के साले सद्दाम, लल्ला गद्दी, जेल वार्डेन और गिरोह पर गैंगस्टर एक्‍ट; कैंटीन संचालक फिर गिरफ्तार

आरोपितों में सद्दाम व आतिन जफर को छोड़कर शेष सभी जमानत पर बाहर हैं।

बरेली।माफिया अशरफ के साले अब्दुल समद उर्फ सद्दाम, जेल वार्डेन मनोज कुमार, शिव हरी अवस्थी, कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हें, मो. फरहद खां उर्फ गुड्डू, मो. सरफुद्दीन, मो. रजा उर्फ लल्ला गद्दी, फुरकान नवी खान, राशिद अली, मोहम्मद आरिफ व आतिन जफर के विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। आरोपितों में सद्दाम व आतिन जफर को छोड़कर शेष सभी जमानत पर बाहर हैं। सद्दाम बदायूं व आतिन जफर रामपुर जेल में बंद है। गैंगस्टर की प्राथमिकी के बाद पुलिस ने कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हें को गिरफ्तार कर फिर से जेल भेज दिया।

बिथरी चैनपुर थाने के इंस्पेक्टर संजय तोमर की ओर से लिखाई प्राथमिकी में बताया कि आरोपित सद्दाम गिरोह का सरगना है। बीते साल प्रयागराज में हुए उमेशपाल हत्याकांड के बाद गिरोह का नाम सामने आया। सद्दाम प्रयागराज के पूरामुफ्ती स्थित हटवा उपहार, मनोज कुमार गौड़ देवरिया के माहिल स्थित कसली गांव, शिव हरी हरदोई के पाली स्थित कछलिया गांव, दयाराम सैदपुर कुर्मियान, मो. फरहद परतापुर जीवनसहाय, सरफुद्दीन चकमहमूद पुराना शहर, लल्लागद्दी पुराना शहर, फुरकान नवी रामनगर कालोनी परतापुर जीवन सहाय, राशिद ग्राम परौरा मीरगंज, मो. आरिफ फीलखाना पीलीभीत व आतिन जफर खुल्दाबाद प्रयागराज के निवासी हैं।

आरोपितों को गिरोह आर्थिक लाभ के लिए सामूहिक रूप से हिंसा करता है। लोगों को धमकाता है जिससे आमजन में भय व्याप्त है। आरोपितों के विरुद्ध बीते साल सात मार्च को बिथरी चैनपुर थाने में बलवा, रंगदारी, हत्या का षडयंत्र रचने, कारागार अधिनियम व अन्य धाराओं में लिखी गई थी। चार मई 23 को ही आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया गया।

इस दौरान आरोपितों का आपराधिक इतिहास भी सामने आया। इसी मामले में गिरोह के सभी आरोपित जेल भेजे गए जिसमें सद्दाम व आतिन को छोड़कर सभी की जमानत हो गई। प्राथमिकी लिखते ही पुलिस ने दयाराम उर्फ नन्हें की तलाश में दबिश दी और उसके गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इंस्पेक्टर संजय तोमर ने बताया कि शेष आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगीं हैं। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। गैंगस्टर एक्ट में ही आरोपितों की संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।

उमेशपाल हत्याकांड के षडयंत्र में शामिल थे आरोपित

बीते साल प्रयागराज में अधिवक्ता उमेशपाल की हत्या हुई जिसमें माफिया अतीक व अशरफ का नाम सामने आया। उसके बेटे व गुर्गे घटनास्थल की प्रसारित सीसीटीवी फुटेज में कैद दिखे। इसी के आधार पर पुलिस ने जब जांच शुरू की तब पता चला कि हत्याकांड से पूर्व सभी आरोपित बरेली जिला जेल पहुंचे थे। जेल में ही माफिया अशरफ की तय योजना अनुसार उमेशपाल की हत्या का षडयंत्र रचा गया। स्थानीय स्तर पर सद्दाम व लल्ला गद्दी ने जेल के पूरे नेटवर्क का इस्तेमाल किया।

दोनों के ही इशारे पर जेल वार्डेन से लेकर कैंटीन संचालक तक ने जेल में मिलाई के दौरान आरोपितों का साथ दिया। पता चला कि सद्दाम व लल्लागद्दी इसके बदले जेल कर्मियों को बड़े-बड़े उपहार व नकदी देता था। इसी दौरान यह भी पता चला कि पीलीभीत बाईपास रोड स्थित खुशबू एन्क्लेब कालोनी में सद्दाम ने फर्जी पते से किराये पर कमरा ले रखा था। घटना के बाद वह भाग खड़ा हुआ। मामले में आरोपित के विरुद्ध बारादरी थााने में दूसरी प्राथमिकी हुई थी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button