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सीएम धामी को सौंपी मसौदा रिपोर्ट, कल कैबिनेट बैठक में होगी चर्चा

सीएम धामी को सौंपी मसौदा रिपोर्ट, कल कैबिनेट बैठक में होगी चर्चा

प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी मसौदा रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपी। कल कैबिनेट बैठक में यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद इसे छह फरवरी को विधानसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है।ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपने के लिए विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस (सेनि) रंजना प्रकाश देसाई और उनकी टीम मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन पहुंची। जहां उन्होंने सीएम धामी को रिपोर्ट सौंपी। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, लंबे समय से हमें इस ड्राफ्ट का इंतजार था, आज हमें ड्राफ्ट मिल गया है। हमने उत्तराखंड की जनता से वादा किया था कि नई सरकार के गठन के बाद हम समान नागरिक संहिता के लिए कानून बनाएंगे। इस ड्राफ्ट का परीक्षण करने के बाद जो भी जरूरी औपचारिकताएं हैं उसे पूरा कर, ड्राफ्ट को विधानसभा में पेश कर विधेयक लाएंगे। इस रिपोर्ट को सौंपे जाने के साथ ही उत्तराखंड देश में सबसे पहले यूसीसी लागू करने वाला राज्य बनने के लिए एक और अहम कदम बढ़ा देगा।2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। इस दौरान समिति ने ऑनलाइन और ऑफलाइन आधार पर जनता से यूसीसी को लेकर सुझाव आमंत्रित किए।
#WATCH उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “लंबे समय से हमें इस ड्राफ्ट का इंतजार था, आज हमें ड्राफ्ट मिल गया है। हमने उत्तराखंड की जनता से वादा किया था कि नई सरकार के गठन के बाद हम समान नागरिक संहिता के लिए कानून बनाएंगे। \विशेषज्ञ समिति ने उप समिति बनाकर उन्हें समाज के विशिष्ट लोगों, समाजसेवियों, धार्मिक नेताओं, संतों और जागरूक नागरिकों के साथ चर्चा की और सुझाव लिए। समिति ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का दौरान किया और वहां खुली बैठकें में लोगों से सुझाव लिए। इस तरह समिति को करीब ढाई लाख सुझाव प्राप्त हुए। करीब तीस अलग-अलग बैठकों में उसे कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले। समिति ने केंद्रीय विधि आयोग के साथ भी यूसीसी पर चर्चा की। इस मैराथन कवायद के बाद समिति ने अपना ड्राफ्ट तैयार किया।विशेषज्ञ समिति ने उप समिति बनाकर उन्हें समाज के विशिष्ट लोगों, समाजसेवियों, धार्मिक नेताओं, संतों और जागरूक नागरिकों के साथ चर्चा की और सुझाव लिए। समिति ने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का दौरान किया और वहां खुली बैठकें में लोगों से सुझाव लिए। इस तरह समिति को करीब ढाई लाख सुझाव प्राप्त हुए। करीब तीस अलग-अलग बैठकों में उसे कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले। समिति ने केंद्रीय विधि आयोग के साथ भी यूसीसी पर चर्चा की। इस मैराथन कवायद के बाद समिति ने अपना ड्राफ्ट तैयार किया।

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