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रामलीला मैदान में किसान करेंगे धरना प्रदर्शन, पंजाब के साथ हिमाचल के किसान भी हुए बसों से रवाना

वहीं हिमाचल से भी किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। ये किसान स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट और मोटर व्हिकल अधिनियम को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।

श्री मुक्तसर साहिब।संयुक्त किसान मोर्चा व बीकेयू उगराहां का जत्था बसों के माध्यम से दिल्ली के लिए रवाना हुआ है। मुक्तसर से किराए की 12 बसों में करीब 500 किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। यह किसान दिल्ली की राम लीला ग्राउंड में शांतिपूर्वक धरना देंगे। उधर, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) बीकेयू सिद्धपुर की ओर से डबवाली-मलोट रोड पर ट्रैक्टर ट्रालियां खड़ी कर दी गई हैं। किसानों को रोकने के लिए दूसरी तरफ हरियाणा सरकार ने भारी फोर्स लगा रखी है।

शांतिपूर्वक करेंगे विरोध प्रदर्शन

किसानों ने चेतावनी दी है कि वह भारी संख्या में इकट्ठे होकर बैरिकेड तोड़ कर हरियाणा की तरफ बढ़ेंगे। किसान मंगलवार से लंबी ब्लाक के मंडी किल्लियांवाली में ट्रैक्टर ट्रालियां पक्के तौर पर खड़ी कर दीं हैं। किसान नेता भगवान सिंह, सुखचैन सिंह, गोरा सिंह फकरसर ने कहा कि जब तक उन्हें हरियाणा बॉर्डर पार नहीं करने दिया जाता तब तक वह‌ शांतमयी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

किसान महापंचायत के लिए हमीरपुर से दिल्ली रवाना हुए किसान

14 मार्च को होने वाली किसान महापंचायत में हिमाचल किसान सभा के हमीरपुर जिला संयोजक रंजन शर्मा की अगुवाई में कई किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। किसान मांग कर रहे हैं कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। मोटर व्हिकल अधिनियम को निरस्त किया जाए। बिजली संशोधन अधिनियम को निरस्त किया जाए। रंजन शर्मा ने कहा कि किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। केंद्र सरकार ने हमेशा किसानों के साथ धोखा किया हैं।

हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड लगा डबवाली-मलोट मार्ग किया बाधित

किसानों के मंडी किल्लियांवाली में भारी संख्या में ट्रैक्टर ट्रालियों के साथ इकट्ठे होने पर हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड लगा कर डबवाली-मलोट रोड पर बाधित कर दिया गया है। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने पहले की भांति फिर से तैयारी कर ली है। रास्ता बाधित होने से राहगीरों को परेशानी हो रही है।

किसान नेताओं ने कहा कि वह एमएसपी लागू करवाने सहित जान गंवाने वाले किसान शुभकरण सिंह के परिवार को एक करोड़ देने व बहन को तुरंत सरकारी नौकरी देने सहित अन्य मांगों को लेकर संघर्ष करेंगे।

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